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VKSU News: स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के शोधार्थियों के लिए व्याख्यान श्रृंखला, BHU के प्रो राकेश रमन ने समझाई शोध की बारीकियां

VKSU News: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग में गुरुवार को PAT 2021 और PAT 2022 के शोधार्थियों के लिए व्याख्यान श्रृंखला की शुरुआत हुई। पहले व्याख्यान में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर राकेश रमन ने शोध की प्रक्रिया और उसके विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम की शुरुआत उद्घाटन सत्र से हुई। विभागाध्यक्ष प्रो. धीरेन्द्र कुमार सिंह ने प्रो. रमन का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि शोधार्थियों को शोध की बारीकियों को समझना जरूरी है।

प्रो० रमन ने पहले सेशन की शुरुआत शोध के परिचय से की जिसमें उन्होंने सामाज विज्ञान में शोध के महत्व एवं इसकी आवश्यकता तथा शोध के बाद इसके उपरांत रोजगार के अवसरों की चर्चा की एवं बताया “रिसर्च ऑनियन” की तरह शोध एक बहुस्तरीय प्रक्रिया है जिसमें आकड़ा संग्रहण एवं विश्लेषण तथा शोध के दार्शनिक दृष्टिकोण के बारे में बताया। ”रिसर्च पाराडिम” के अंतर्गत प्रो० रमन ने बताया की सत्य एवं वास्तविकता वस्तुनिष्ठ या व्यक्तिपरक होते हैं। फिर उन्होंने ऑन्टोलॉजी एवं एक्जियोंलाजी के बारे में विस्तार से बताया।

व्याख्यान के दूसरे सेशन में प्रो० रमन ने शोध के विभिन्न चरणों – शोध समस्या का चुनाव, साहित्यिक समीक्षा, शोध परिकल्पना का निर्माण, शोध संरचना, आकडा संग्रहण एवं विश्लेषण एवं निष्कर्ष के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। व्याख्यान के तीसरे एवं अंतिम सेशन में प्रो० रमन ने शोध शीर्षक, उपयोग की जाने वाली कार्यप्रणाली एवं साहित्य अंतराल, शोध उद्देश्य, शोध प्रश्न, शोध परिकल्पनाएँ के बीच संबंध को बताया। प्रोफेसर रमन ने इस बात पर भी जोड़ दिया कि शोधार्थी उन प्रश्नों को उठाएं एवं वर्णन करें जिनके प्रश्न अनुत्तरित रह गए हैं। प्रोफेसर रमन ने पीएचडी थीसिस के गुणवत्तापूर्ण बनाने पर भी काफी जोर दिया और साथ ही साथ बोला कि यह आपके जीवन में आपके द्वारा की गई सबसे बड़ी उपलब्धि है जिसे आप अपने सुपरवाइजर से भी ज्यादा जानते हैं।

प्रोफेसर राकेश रमन के विद्वत्तापूर्ण ऑफलाइन व्याख्यान में भाग लेने वालों में विभिन्न विश्वविद्यालयों के विभिन्न संकायों के विभिन्न विभागो के सहायक प्राध्यापक, यूजीसी के नेट एवं विश्वविद्यालय के पैट उम्मीदवारों ने अपनी सहभागिता दी। इस आयोजन में मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकगण, एम. बी. ए. के निदेशक, इतिहास के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षक गण, वाणिज्य विभाग के शिक्षकगण, संस्कृत के विभागाध्यक्ष, प्राकृत एवं जेनेलोजी के विभागाध्यक्ष, भूगोल के शिक्षक गण एवं अन्य विभागों के भी शिक्षकगण उपस्थित थें। शोधार्थियों ने इस व्याख्यान से लाभ उठाया । व्याख्यान में प्रो० नीरज कुमार वर्मा, डॉ अरुंधति मलिक, डॉ यादवेन्द्र सिंह, डॉ शिखा, डॉ अमृत जयसवाल ,डॉ सुप्रिया झा एवं डॉ वेंकेटेश चौधरी उपस्थित थें।

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