VKSU News: वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग में पीएचडी हेतु PAT-2022 के आधार पर कोर्स वर्क कर रहे उम्मीदवारों और वरीय PAT-2021 बैच के छात्र-छात्राओं को शोध प्रवृद्धि के नवीनतम आयामों से अवगत कराने के लिए व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा। इसे लेकर शुक्रवार को स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग में एक प्रेस वार्ता की गई।
व्याख्यान श्रृंखला के संयोजक प्रो नीरज कुमार वर्मा ने वार्ता को सम्बोधित करते हुए बताया कि देश के 3 केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय व इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों को शामिल कर यह व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की जाएगी। इससे शोधार्थी अर्थशास्त्र विषय मे शोध प्रवृद्धि की नवीनतम तकनीकों से अवगत होंगे। इन्हें संचालित करने में क्लासरूम मे लगे इनरैक्टिव पैनल की मदद ली जाएगी।
कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रोफ़ेसर होंगे शामिल
व्याख्यान श्रृंखला मे शोध प्रवृद्धि पर विशेष व्याख्यान देने के लिए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो मृत्युंजय मिश्रा, प्रो राकेश रमन, प्रो N.K. मिश्रा उपलब्ध होंगे। वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से प्रो मोहम्मद तारिक, प्रो निशार अहमद खान, डॉ जुलकरनैन शामिल होंगे। प्रयागराज स्थित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो मनमोहन कृष्ण, इमेरिटस प्रोफेसर एवं प्रो P.K. घोष अपना समय देंगे। साथ हीं, पटना के पाटलीपुत्र विश्वविद्यालय की प्रो रश्मि अखौरी, BRA विश्वविद्यालय के प्रो आलोक नारायण एवं प्रो ज़फ़र अहमद खान एवं पटना विश्वविद्यालय के डॉ अविरल पांडे जैसे विशेषज्ञों ने सहमति प्रदान की है ।
28 अप्रैल से होगी व्याख्यान श्रृंखला की शुरूआत
प्रो नीरज कुमार वर्मा ने बताया कि यह व्याख्यान श्रृंखला आगामी 28 अप्रैल से शुरू होगी और लगभग तीस दिनों तक चलेगी। पहला लेक्चर BHU के प्रो राकेश रमन का होगा, जो दोपहर 12 बजे से ऑनलाइन माध्यम से लिया जाएगा। उसके बाद के ज़्यादातर लेक्चर के लिए प्रोफ़ेसर यहाँ वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में हीं आएँगे। विभागाध्यक्ष प्रो धीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि यह आयोजन शोधार्थियों के लिए बहुत लाभदायक और जानकारीप्रद होगा।
इस व्याख्यान शृंखला के संयोजक विभाग के प्रो नीरज कुमार वर्मा होंगे। इस आयोजन में विभाग के प्रो अनवर इमाम, डॉ शशि भूषण राय एवं डॉ यादवेन्द्र सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका है ।

