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VKSU News: शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने की बैठक, प्रोन्नती, एसीपी,एमएसीपी का वेतन निर्धारण और लाभ समेत कई मुद्दों पर चर्चा

VKSU News: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के सासाराम स्थित शेरशाह महाविद्यालय में रविवार को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा मुख्यालय एवं इसके अंतर्गत अधिसंख्य महाविद्यालय के सभी शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में कर्मचारियों के हितों से जुड़े मुद्दों के साथ ही प्रोन्नति के मामले को लेकर विचार विमर्श किया गया।

बैठक में विस्तृत रूप से कर्मचारियों के हित से जुड़े कई बिंदुओं पर बातचीत हुई और इसके त्वरित समाधान के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन एवं राज्य सरकार से मांग की गई। कर्मचारियों ने प्रोन्नती, एसीपी,एमएसीपी का वेतन निर्धारण और लाभ, एसबी सिन्हा से आच्छादित कर्मियों को लाभ देने, सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृति की तिथि पर पेंशन का लाभ सुनिश्चित करने,दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को तत्काल अनुकंपा पर नौकरी देकर अन्य सभी लाभ देने की इस बैठक में मांग उठाई और इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन एवं सरकार से गंभीरता पूर्वक विचार करने की मांग की। बैठक की अध्यक्षता जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय राधा रमण सिंह ने किया जबकि मंच संचालन ,श्री शंकर महाविद्यालय सासाराम के डॉ. ओंकार नाथ बढ़वलिया ने किया। बैठक को सुनील कुमार, डॉ. अमित मिश्रा, अखिलेश्वर,पवन कुमार, अभिजीत कुमार, विकास कुमार,जयवीर,गुड्डू सिंह,अरविंद सिंह,मनोज श्रीवास्तव,रामकिशोर सिंह,सच्चिदानंद सिंह,संजय सिंह,संजय किशोर ,राजीव रंजन,राजीव कुमार, संजीव कुमार और अभिमन्यु समेत कई कर्मचारियों एवं उनके नेताओं ने सं‍बोधित किया।

12 अगस्त को प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं तालाबंदी अनैतिक बैठक में उपस्थित सभी कर्मचारियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि विश्वविद्यालय मुख्यालय एवं सभी अंगीभूत महाविद्यालयों के कुछ कर्मचारी द्वारा 12 अगस्त सोमवार को प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं तालाबंदी का कार्यक्रम अनैतिक है और यह पूरी तरह कर्मचारी विरोधी है, इसलिए अधिसंख्य कर्मचारी इस आंदोलन से अपने आपको अलग रखेंगे। यह निर्णय लिया गया कि कर्मचारियों के प्रोन्नति सम्बन्धी कार्य को को तत्काल आगे बढ़ाने को ले जल्द ही एक टीम कुलपति से मिलेगी। बैठक में नवगठित एवं मनोनीत प्रक्षेत्र संगठन की गतिविधियों से स्वयं को अलग रखने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। बैठक में बताया गया कि इस संगठन के गठन की प्रक्रिया संदेह के घेरे में है और पूरी तरह अलोकतांत्रिक है।

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