फटाफट

VKSU News: पीजी मनोविज्ञान विभाग की ओर से दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित, ‘वेल बीइंग एंड टेक्नोलॉजी’ नामक पुस्तक और स्मारिका का हुआ विमोचन

VKSU News: वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के पीजी मनोविज्ञान विभाग की ओर से दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की शुरुआत शुक्रवार को न्यू कैंपस, जीरो माइल में हुई। सेमिनार का विषय “डिजिटल युग में खुशहाली का मार्ग प्रशस्त करना और मानव विकास में प्रौद्योगिकी की भूमिका की खोज” रहा।

उद्घाटन दीप प्रज्वलन, मंगलाचरण और शंखध्वनि के साथ हुआ। पहले सत्र में प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर गिरीश्वर मिश्रा और लाइफटाइम प्रोफेसर एस एल वाया ने संबोधित किया। इसी सत्र में ‘वेल बीइंग एंड टेक्नोलॉजी’ नामक पुस्तक और स्मारिका का विमोचन किया गया। मंच पर कुलपति प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी, कुलसचिव प्रोफेसर रणविजय कुमार, प्रॉक्टर डॉ लालबाब, संयोजिका डॉ लतिका वर्मा और इंडियन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर तारिणी मौजूद रहे। प्रोफेसर गिरीश्वर मिश्रा ने कहा कि तकनीक के लगातार उपयोग से हमारी सोचने की प्रक्रिया बदल रही है। अब हमारी स्मृति का नियंत्रण मोबाइल कर रहा है। स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने के लिए आत्म अनुशासन जरूरी है। प्रोफेसर एस एल वाया ने विपश्यना को मानसिक सुख-शांति के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि जब हम गलत कार्य करते हैं, तो मन खुद ही बेचैनी और घबराहट के रूप में सजा देता है। यह नैसर्गिक दंड है। आईपीए अध्यक्ष प्रोफेसर तारिणी ने मनोविज्ञान के शिक्षकों और छात्रों से समाज के लिए काम करने और चारदीवारी से बाहर निकलने का आह्वान किया। कुलसचिव प्रोफेसर रणविजय कुमार ने बाहर से आए सभी अतिथियों का आभार जताया और डिजिटल शिक्षा की प्रगति पर बात की।

मनोविज्ञान सभी विषयों की जननी : कुलपति कुलपति प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने मनोविज्ञान को सभी विषयों की जननी बताया। उन्होंने मातृभाषा में सोचने, समझने और सपने देखने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह वही धरती है जहां भगवान श्री राम को भी शिक्षा लेने के लिए आना पड़ा। मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सेमिनार की संयोजक प्रोफेसर लतिका वर्मा ने सभी आए हुए देश के कोने-कोने से सभी प्रतियोगियों का मुख्य अतिथियों का स्वागत एवं विश्वविद्यालय का परिचय एवं अपने सेमिनार का सार संक्षिप्त बताया। इस अवसर पर कई शिक्षक और शोधार्थी शामिल हुए। मंच संचालन डॉ. प्रियंका पाठक और डॉ. वाचस्पति दुबे ने किया। संचालन के दौरान डॉ. दुबे ने प्रोफेसर गिरीश्वर मिश्रा और कुलपति प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी के जीवन परिचय और शैक्षणिक योग्यता का उल्लेख किया। सेमिनार को सफल बनाने में छात्र अभिषेक तिवारी और सुशील सिंह टाइगर सहित अन्य की अहम भूमिका रही।