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Training program ‘Prayas’ launched: चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “प्रयास” की शुरुआत, शिक्षा से वंचित बच्चों को पुनः विद्यालयों से जोड़ने का लक्ष्य

Training program ‘Prayas’ launched: जिला शिक्षा कार्यालय में चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “प्रयास” की शुरुआत हुई। प्रयास का उद्देश्य आउट-ऑफ-स्कूल (छिजीत) बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाना है। यह प्रशिक्षण जिले के चिन्हित शिक्षकों और शिक्षा सेवकों के लिए आयोजित किया गया है, जो “शिक्षा सबके लिए” के लक्ष्य को साकार करने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी चन्दन प्रभाकर एवं संभाग प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार द्वारा दीप प्रज्वलन एवं स्वागत भाषण के साथ किया गया। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि ‘प्रयास’ जैसे कार्यक्रम न केवल शिक्षा से वंचित बच्चों को पुनः विद्यालयों से जोड़ते हैं, बल्कि यह समाज में समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। संभाग प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण के पहले दिन प्रतिभागियों को कार्यक्रम के उद्देश्य एवं कार्ययोजना की जानकारी दी गई। छूटे हुए बच्चों की पहचान और नामांकन की प्रक्रिया। बाल अधिकार और समावेशी शिक्षा की अवधारणा और स्थानीय समुदाय की सहभागिता का महत्व बताया गया।

प्रशिक्षक पंकज कुमार एवं वेद प्रकाश सामवेदी द्वारा समूह चर्चा, केस स्टडी, और रोल-प्ले जैसी सहभागिता आधारित कार्यशालाओं के माध्यम से प्रशिक्षण को प्रभावशाली और व्यवहारिक बनाया गया। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीइ) के अंतर्गत उन बच्चों की पहचान, नामांकन और शिक्षण रणनीतियों के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है जो कभी स्कूल नहीं गए या बीच में पढ़ाई छोड़ चुके हैं। प्रशिक्षित शिक्षक इन बच्चों की कक्षा अनुरूप दक्षताओं का विकास कर उन्हें विद्यालय में जोड़ने का कार्य करेंगे।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दो बैचों में आयोजित किया जा रहा है। प्रथम बैच का प्रशिक्षण हरनारायण प्लस टू उच्च विद्यालय, शाहपुर में हो रहा है। यहां शाहपुर एवं बिहिया प्रखंड के 73 प्रतिभागी शामिल हुए है । जबकि द्वितीय बैच का प्रशिक्षण जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के सभागार में हो रहा है। इसमें अन्य प्रखंडों के 45 नामित शिक्षक शामिल हुए। उन्होंने बताया कि यह चार दिवसीय प्रशिक्षण 26 जुलाई तक चलेगा।

“प्रयास” कार्यक्रम शिक्षा विभाग भोजपुर की एक ऐसी पहल है जो शिक्षा की समावेशिता, बाल अधिकारों की रक्षा, और समाज के वंचित वर्गों के सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हो सकती है।

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