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SHARDA SINHA: ‘पहिले- पहिल हम कईनी छठी माई बरत तोहार….’ शारदा सिन्हा के गीत कानों में ना पड़े, तो हमारा छठ अधूरा लगता है।

-रूपेन्द्र मिश्र। अपनी आवाज़ से वो शख़्सियत अमर हो गईं….. और वो आवाज़ अब नए गीतों को नहीं मिलेगी….. महापर्व छठ और महान विभूति पद्म पुरस्कार से सम्मानित शारदा सिन्हा(SHARDA SINHA) जैसे एकदूसरे के पूरक हों। शारदा सिन्हा के गाए छठ गीतों से सभी बिहार वासियों का कुछ ऐसा लगाव रहा है, जैसे उनके गीत…

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