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SHARDA SINHA: ‘पहिले- पहिल हम कईनी छठी माई बरत तोहार….’ शारदा सिन्हा के गीत कानों में ना पड़े, तो हमारा छठ अधूरा लगता है।

-रूपेन्द्र मिश्र।

अपनी आवाज़ से वो शख़्सियत अमर हो गईं….. और वो आवाज़ अब नए गीतों को नहीं मिलेगी…..

महापर्व छठ और महान विभूति पद्म पुरस्कार से सम्मानित शारदा सिन्हा(SHARDA SINHA) जैसे एकदूसरे के पूरक हों। शारदा सिन्हा के गाए छठ गीतों से सभी बिहार वासियों का कुछ ऐसा लगाव रहा है, जैसे उनके गीत कानों में ना पड़े तो हमारा छठ अधूरा हो। ये प्रेम कोई अनायास हीं नहीं बनता।

ऐसा संयोग की छठी माई के गीतों से ख्यातिलब्ध हुईं शारदा सिन्हा छठ महापर्व के समय ही शरीर त्याग करती हैं। ऐसा वक्त, जब तक़रीबन बिहार के हर घर में उनके गीत बज रहे हैं। उनकी आवाज़ कानो से होकर हृदय तक पहुँच रही हो…. ‘पहिले- पहिल हम कईनी छठी माई बरत तोहार…..’ ।

बिहार के हर घर से उनका नाता कुछ ऐसा रहा, जैसे हमारे घर में व्रत- त्यौहार, शादी- ब्याह उनके बग़ैर सम्भव ही ना हो। शारदा सिन्हा के गीत हमेशा हमारे शादी- ब्याह, व्रत- त्यौहारों को रौशन करते रहे। दशहरा शुरू होते उनका गीत ‘जगदंबा घर में दियरा बार अइनी हो……’ कानों में घुलने शुरू हो जाते और छठ के शुरू होते ही हर ज़ुबान पर उनका गीत ‘ केलवा के पात पर उगेले सूरजमल झांके झूंके……’। अभी कुछ दिनो पहले जब वे अस्पताल में थी तो भी उनके पुत्र अंशुमन सिन्हा ने छठ प्रेमियों के लिए उनका एक गीत रिलीज़ किया…. ‘दुखवा मिटाई छठी मइया….’।

उनके गीत जैसे हमारे जीवनशैली में हों। विवाह के हर रस्म पर गाए उनके गीत  ‘ अगे माई हरदी हरदिया दूभ पातर ना…..’, ‘हरे हरे दुबिया….’, ‘दादी चुमावहुं सरबस लुटावहुं……’, ‘सिर के सिंदूर रे गवनवा…….’ और सलमान खान की फ़िल्म मैंने प्यार किया में गाया उनका वह गीत ‘कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया पग-पग लिए जाऊँ तोहरी बलैया….’। बॉलीवुड में भी फ़िल्म मैंने प्यार किया, हम आपके है कौन और गैंग्स ओफ़ वासेपुर में उन्होंने गाने गाए। उनके हर गीत कुछ ख़ास है। ये सारे गीत हमारे जीवन के हर पल में बसे रहे हैं।

बचपन, जवानी या बुढ़ापा, उम्र के जिस पड़ाव पर हमने शारदा सिन्हा(SHARDA SINHA) के गीत सुने, उनसे जुड़ते गये। लगभग हर बिहारी चाहे वो जहां भी रहे, शारदा सिन्हा से उनका जुड़ाव कभी नहीं टूटा।

“लोक परंपरा को लोक धुनों में गा गा कर सुनाती हूँ , मन के भावोच्छवास को गीतों में गुनगुनाती हूँ, लोक स्वरों को सम्पूर्ण समर्पित , मैं शारदा कहलाती हूँ”- उन्हें समझने को ये पंक्तिया हीं काफ़ी है, जो उन्होंने अपने इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल में लिखा था।

72 वर्षीय शारदा सिन्हा ने मंगलवार की देर शाम दिल्ली के एम्स में आँखिरी साँस ली। सशरीर अब वो हमारे बीच नहीं है। पर, हमारे लिए वो अमर हैं। अपने गीतों के माध्यम से हमेशा हम सबके बीच मौजूद रहेंगी। सादर नमन।

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