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Senior Citizen’s Strike: वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे टिकटों पर छूट की माँग लेकर सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन ने दिया धरना, कहा- पहले मिलती थी सुविधा अब बंद

Senior Citizen’s Strike: वरिष्ठ नागरिकों को पूर्व में मिलने वाली रेलवे टिकटों पर पुनः छूट को लेकर आरा रेलवे परिसर के इंक्वारी काउंटर के सामने एक दिवसीय सामूहिक धरना का आयोजन किया गया। इस धरना का आयोजन सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के द्वारा किया गया।

धरना पर बैठे सभी सीनियर सिटीजनों ने रेलवे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरना पर सैकड़ों सीनियर सिटीजन मौजूद थे। धरना पर बैठे राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रसाद सिंह पूरे राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के बैनर तले एक सूत्री मांग को लेकर इसका आयोजन किया।

कोविड के बाद से सुविधा बंद

पुरुष सीनियर सिटीजन को 50 साथ ही महिला सीनियर सिटीजन को 40 प्रतिशत मिलता था। यह सभी ट्रेनों और सभी बोगियों चाहे AC हो या स्लीपर कोच हो सभी में छूट मिलती थी। रेलवे ने यह सारी सुविधा कोरोना काल के बाद से बंद कर दिया है।

उन्होंने बताया कि पहले जितने भी सीनियर सिटीजन थे या अभी भी जो है वे सभी लोग तीर्थों पर घूमने जाते थे। लेकिन पहले छूट मिलता था, लेकिन अब रेलवे ने यह छूट देना बंद कर दिया है। अगर रेलवे हमारी मांग पूरी नहीं करता है तो यह आंदोलन आगे और भी चलेगा। सभी के घर में बुजुर्ग है। रेलवे में छूट मिलने से सभी चिकित्सा के लिए मुंबई, दिल्ली जाते थे। पर्यटन के लिए अयोध्या, हरिद्वार जाते थे।

आगे कहा कि केंद्र सरकार ने यह आरक्षण बंद किया है, मैं इसका घोर आलोचना कर रहा हूं। एक तरफ अपना वेतन 24 प्रतिशत बढ़ा देते है। दुर्भाग्य है कि पक्ष-विपक्ष देश के संसद में कोई भी सांसद इसका विरोध नहीं करता। वहीं, एक तरफ वरिष्ठ नागरिकों को सुविधाएं दी जा रही थी उसे भी बंद कर दिया गया है।

अगर ऐसे ही रवैया रही केंद्र सरकार का तो आने वाले समय में बिहार समेत चार-पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में अंजाम बुरा होगा। इसके साथ देश के सभी वरिष्ठ नागरिक जंतर-मंतर पर धरने पर बैठकर सरकार से आर-पार से लड़ाई का काम करेंगे ।

वहीं, राम नगीना पांडेय की पूर्व प्राचार्या कंचन प्रभा सिंह ने बताया कि कोरोना काल से पहले सभी महिला या पुरुष सभी सीनियर सिटीजन को रेलवे टिकट में छूट मिलता था लेकिन कोरोना के बाद नहीं मिलता है। रेलवे हमारी यह मांग पूरी करें और इसके अलावा अगर कुछ और बुनियादी सुविधा देता है तो और बेहतर होगा।

बुजुर्गों को लिए एक बोगी अलग से दे दिया जाए। ट्रेनों पर बुजुर्ग अच्छी तरह से बैठ नहीं पाते है ये रेलवे को देखना चाहिए ।