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Sanvedak Protest : संवेदक संघ ने किया धरना- प्रदर्शन, माँगे ना मानने पर आत्मदाह की धमकी

Sanvedak Protest : संवेदक संघ भोजपुर ने मंगलवार को ग्रामीण कार्य विभाग के कार्य प्रमंडल का घेराव किया और धरना-प्रदर्शन किया। ग्रामीण कार्य विभाग में निविदा (टेंडर) प्रकाशन का बड़ा पैकेज बनाकर छोटे संवेदकों को कार्य से वंचित रखने का विरोध जताया।

इस दौरान संवेदक संघ ने बिहार सरकार और ग्रामीण कार्य विभाग के विरोध में मुर्दाबाद के नारे लगाए। संवेदकों ने मांगे पूरी न होने पर सभी संवेदकों के आत्मदाह करने की धमकी दी है।

संवेदक संघ के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार त्रिपाठी का कहना है कि ग्रामीण कार्य विभाग में तीन श्रेणी का रजिस्ट्रेशन 2007 के नियमावली से पूरे बिहार के संवेदक को दिया गया। जिसपर पर ग्रामीण कार्य विभाग की तरफ से 2007 से 2024 तक तीनों श्रेणी के तहत कार्य कराने का पहल भी हुई।

माँगे नहीं हुईं पूरी तो जाएँगे हाई कोर्ट

ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने 2 श्रेणी के संवेदकों को कार्य से वंचित करते हुए बड़ा पैकेज बनाकर NIT निकाला। इस परिस्थिति में नीचे के 2 और 3 श्रेणी के संवेदक बेरोजगारी के दंश को झेल रहे हैं। बिहार के मंत्री अशोक चौधरी बाहर की कंपनी को बुलाकर काम देने का मनसा बनाए हुए है।

संवेदकों ने कहा है कि सरकार को बड़ा पैकेज को हटाकर पूर्व की तरह रोड एक निविदा को NIT प्रकाशित किया जाए। ताकि बिहार का विकास भी तेजी से होगा और नवजवान बेरोजगार और भुखमरी से बचेंगे। अगर मांगे पूरी नहीं होती है तो बाध्य होकर संवेदक संघ हाइकोर्ट का दरवाजा खट खटाएगी।

संवेदक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जितना भी बिहार में 40-50 करोड़ का ग्लोबल टेंडर निकला है। उसे निरस्त करने के लिए आज हम सभी संवेदक संघ ने प्रदर्शन किया है। सरकार से हमारी यही मांग है कि कम से कम पैकेज का एक-एक करोड़ का टेंडर निकाले, ताकि छोटे संवेदक अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें।

मुख्यमंत्री बिहार रोजगार लाने की बात करते हैं और इधर अशोक चौधरी सभी संवेदकों को बेरोजगार करना चाहते हैं। एक संवेदक के साथ कई लोग जुड़े रहते हैं। उनका परिवार जुड़ा रहता है। मंत्री बेरोजगारी को बढ़ावा दे रहे है और बोल रहे हैं कि अगर आप लोग धरना दीजिएगा बड़े संवेदक को कागज जांच कर कर उन्हें टेंडर देंगे।

इसके बाद आप लोगों को ब्लैकलिस्टेड करेंगे। यदि हमारी मांगे सरकार नहीं मानती है तो हम लोग कोर्ट के शरण में जाएंगे। नहीं तो हमारा लगातार धरना जारी रहेगा। अगर इससे भी मांगे पूरी नहीं होती है तो हम अपने पूरे परिवार के साथ आत्मदाह कर लेंगे।

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