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Protest for Shahabad Commissionary: शाहाबाद को प्रमंडल बनाने की माँग अब ले रही जन आंदोलन का रूप, धरनार्थियों ने कहा- अब होगी करो या मरो की लड़ाई

Protest for Shahabad Commissionary: पुराने शाहाबाद के चारों जिला भोजपुर, बक्सर, कैमूर व रोहतास को मिलाकर कमिश्नरी का निर्माण और इसका मुख्यालय आरा में बनाने की मांग को लेकर जारी संघर्ष अब जन आंदोलन का रूप ले रहा है। इसे लेकर मंगलवार को शाहाबाद कमिश्नरी निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले एक दिवसीय महाधरना दिया गया।

इस महाधरना में भोजपुर जिले के सभी 14 प्रखंडों से लगभग 155 की संख्या में लोग शामिल हुए। संघर्ष समिति के सदस्यों के अलावा भी शहर के कई बुद्धिजीवी, प्रोफ़ेसर, डॉक्टर, पत्रकार, कलाकार, समाजसेवी समेत हर वर्ग के लोग एकजुट हुए। इसमें युवाओं की भी खूब भागीदारी देखने को मिली। यह महाधरना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जेपी स्मारक के पास आयोजित था, पर बारिश और कीचड़ होने की वजह से धरनार्थी सड़क के दूसरी ओर किनारे धरना पर बैठे। इस परिस्थिति में भी उनका मनोबल नहीं टूटा। कमिटी के वरिष्ठ सदस्यों ने धरनास्थल पर जिला प्रशासन के तरफ से पहुंची कार्यपालक दंडाधिकारी कलावती देवी को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।

महाधरना की अध्यक्षता धीरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि हमारी माँग बहुत पुरानी है। आरा में घुड़सवार पुलिस का प्रांतीय कार्यालय, रिकॉर्ड रूम, संपूर्ण शाहाबाद का आरा में जीएसटी व इनकम टैक्स का मुख्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का प्रधान कार्यालय, सिंचाई विभाग, विद्युत विभाग का मुख्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज व मेडिकल कॉलेज सब है। फिर भी शाहाबाद को प्रमंडल और आरा को मुख्यालय बनाने पर विचार नहीं किया जा रहा है। अब यह लड़ाई आर- पार की होगी। इसके लिए फिर से 18 सितंबर को कोर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक बुलायी गयी है जिसमें आगे के निर्णय लिया जाएगा।

डॉ जीतेन्द्र शुक्ल ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की उदासीनता ने अबतक इस सार्थक माँग को पूर नहीं होने दिया। जो यहाँ से जीतकर संसद में जाते है, वे शाहाबाद को प्रमंडल और आरा को मुख्यालय बनाने की हमारी इस माँग को पूरजोर तरीक़े से नहीं उठाते। अब यह सहन नहीं होगा। अगर शाहाबाद को प्रमंडल का दर्जा और आरा को मुख्यालय नहीं बनाया जाता है तो करो और मरो की लड़ाई लड़ी जाएगी।

सभी वक्ताओं ने सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षो से अधर में लटका कर रखा गया मामला अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शाहाबाद के पुराने चार जिला भोजपुर, बक्सर, कैमूर व रोहतास कमिश्नरी बनने की सभी शर्तें पूरा कर रहा है । पूर्व में में तीन जिला और दो जिला पर कमिश्नरी का निर्माण हुआ है। लेकिन शाहाबाद को कमिश्नरी बनाने का मामला पिछले 20 वर्षो से अधर में लटका कर रखा गया है। ऐसे में इसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

एक दिवसीय महाधरना की अध्यक्षता धीरेंद्र प्रसाद सिंह और संचालन डा. राज पांडे व यशवंत नारायण ने संयुक्त रूप से किया। महाधरना में प्रो नीरज सिंह, प्रो दिवाकर पांडे, अधिवक्ता नागेश्वर दूबे, निर्मल सिंह, देवेंद्र यादव, पत्रकार नरेंद्र सिंह, अशोक मानव, डॉ विजय गुप्ता, राम कुमार, कृष्णा यादव कृष्नेंदु, जन्मेजय ओझा समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे।

महाधरना में युवाओं की दिखी ख़ूब भागीदारी

शाहाबाद को प्रमंडल का दर्जा और आरा को मुख्यालय बनाने की माँग के लिए आयोजित इस महाधरना में युवाओं की ख़ूब भागीदारी देखने को मिली। डॉ राज पांडे, निकेश पांडे, अमित पांडेय, ऋतुराज, छोटू सिंह, रूपेन्द्र मिश्र समेत कई युवा चेहरे इस आंदोलन में नज़र आ रहे है। निकेश पांडेय व अमित ने कहा कि शाहाबाद प्रमंडल की इस लड़ाई को हम युवा मूर्त रूप देंगे। इस समाज में हमारी एक बड़ी भागीदारी है। युवाओं को अपनो ऊर्जा सही दिशा में लगानी होगी। अपने अभिभावकों का साथ देना होगा। राज पांडे व ऋतुराज ने कहा कि संघर्ष का रक्त हमारी धमनियों में भी बह रहा है। मार्गदर्शन मिलेगा तो हम हर लड़ाई में सार्थक योगदान देंगे। घर- घर जाकर लोगों को प्रमंडल बनने के फ़ायदे बताएँगे और इस लड़ाई में साथ आने को कहेंगे। रूपेन्द्र मिश्र ने कहा कि प्रमंडल बनने और आरा मुख्यालय होने से सबको फ़ायदा होगा। यह लड़ाई किसी व्यक्ति की नहीं, पूरे शाहाबाद की है। इसमें हर घर की भागीदारी होनी चाहिए। युवाओं को जागरूक कर आंदोलन का हिस्सा बनाना चाहिए।