Protest against electoral roll revision: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के खिलाफ इंडिया गठबंधन के बिहार बंद व चक्का जाम का असर जिले में मिलाजुला रहा. ग्रामीण क्षेत्रों में जहां सामान्य जनजीवन रहा, तो वहीं शहरी क्षेत्रों में चक्का जाम का असर देखने को मिला. बिहिया रेलवे स्टेशन पर बंद समर्थकों ने ट्रेनों को रोक दिया, जिससे ट्रेन परिचालन कुछ समय के लिए बाधित रहा.
इंडिया गठबंधन ने इस प्रक्रिया को लोकतंत्र विरोधी और जनविरोधी करार देते हुए बुधवार को बिहार बंद का आह्वान किया था. इंडिया गठबंधन के भोजपुर जिला संयोजक सह राजद जिलाध्यक्ष वीरबल यादव के नेतृत्व में सभी घटक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आरा की सड़कों पर उतरकर चक्का जाम किया और पुनरीक्षण को जनविरोधी कदम बताते हुए इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की. बंद के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए इंडिया गठबंधन के जिला संयोजक सह राजद जिलाध्यक्ष वीरबल यादव ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुरू की गयी इस प्रक्रिया को असंवैधानिक, अव्यवहारिक और लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया.
जनता को संबोधित करते हुए भोजपुर सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा मांगे जा रहे दस्तावेज, जैसे जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं के मार्कशीट, या जमीन के कागजात, लाखों गरीब, दलित, पिछड़े, और प्रवासी नागरिकों के पास उपलब्ध नहीं हैं. आधार कार्ड, राशन कार्ड और मनरेगा कार्ड जैसे सर्वसुलभ दस्तावेजों को मान्य न करना एक गंभीर साजिश को दर्शाता है, जिसके माध्यम से गरीब, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक समाज के लोगों का नाम मतदाता सूची से काटा जा सके. एक ओर आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ना अनिवार्य किया गया.
अगिआंव के विधायक शिव प्रकाश रंजन ने कहा कि यह प्रक्रिया सत्तारूढ़ दल को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गयी प्रतीत होती है. बिहार की गरीब, दलित, पिछड़ी और अल्पसंख्यक आबादी को मताधिकार से वंचित करने की यह एक सुनियोजित साजिश है.
कांग्रेस नेता श्रीधर तिवारी ने कहा कि बिहार के लगभग चार करोड़ 76 लाख मतदाता चुनाव आयोग के इस प्रक्रिया से प्रभावित होंगे, जिन्हें 31 जुलाई तक अपनी नागरिकता साबित करनी होगी और अधिकांश मतदाताओं, विशेषकर हाशिए पर मौजूद समुदायों के पास चुनाव आयोग द्वारा मांगे जा रहे दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं हैं. वहीं, वीआइपी जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश बिंद ने कहा कि बिहार के लगभग 2.90 करोड़ पंजीकृत मजदूर राज्य से बाहर कार्यरत हैं. इतने कम समय में उनके लिए इस प्रक्रिया में भाग लेना असंभव है, जिससे उनके मताधिकार पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है.
रालोजपा जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने कहा कि यह प्रक्रिया बिहार की जनता के मताधिकार पर सीधा हमला है. हम इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे. कार्यक्रम में पूर्व विधायक विजेंद्र यादव, रामबाबू पासवान, भाकपा माले के राजू यादव, वीआइपी जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश बिंद, पूर्व विधायक अरुण यादव, मुकूल यादव, प्रमुख मुकेश यादव, राजद प्रवक्ता आलोक रंजन, दिलराज प्रीतम, जिप अध्यक्ष आशा पासवान, आरती देवी, मनोज सिंह, कांग्रेस नेता श्रीधर तिवारी, सीपीआई नेता उत्तम प्रसाद, अदीब रिजवी, एकराम आलम, मंटू शर्मा, धनजीत यादव, संगीता सिंह, सबीर, अमित बंटी, क्यामुद्दीन अंसारी, मुकुल सिंह, तेजनारायण सिंह, सीपी चक्रवर्ती, अशोक यादव आदि शामिल थे.

