Preparation of Flood: आरा समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी तनय सुलतानिया की अध्यक्षता में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर समीक्षा बैठक की गई। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बाढ़ से संबंधित सभी तैयारियों को प्राथमिकता पर लें। साथ हीं, संपूर्ति पोर्टल पर कैंप मोड में अद्यतन डेटा एक सप्ताह के भीतर अपलोड करें। हालातों के अनुसार संवेदनशील स्थलों पर नोडल अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के निर्देश भी दिए गए।
जिलाधिकारी तनय सुलतानिया ने बताया कि उत्तर बिहार सीमा क्षेत्र में गंगा नदी द्वारा हो रहे कटाव को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के बलिया जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर संयुक्त कार्रवाई की जा रही है। कटाव प्रभावित क्षेत्रों में रोकथाम हेतु आवश्यक कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं। गर्भवती महिलाओं, वृद्धजनों, दिव्यांगजनों एवं अन्य कमजोर वर्गों की पहचान कर उनके लिए राहत एवं पुनर्वास की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आईसीडीएस) को निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में जिले में उपलब्ध बाढ़ सुरक्षा संसाधनों जैसे पॉलीथिन शीट्स, नाव, मोटरबोट, लाइफ जैकेट, सर्च लाइट, सैटेलाइट फोन, वायरलेस सेट, सुरक्षित पेयजल आपूर्ति व राहत शिविरों से संबंधित सामग्री की उपलब्धता एवं आवश्यकता की समीक्षा की गई। साथ ही, जलस्तर की सतत निगरानी, नदी किनारे गश्ती दल की तैनाती, संभावित प्रभावित गांवों की सूची का पुनर्मूल्यांकन, राहत शिविरों हेतु पूर्व निर्धारित स्थानों का भौतिक निरीक्षण, स्वास्थ्य टीमों की तैयारियों की समीक्षा तथा विद्युत व संचार सेवाओं की बहाली के लिए पूर्व योजना तैयार करने पर बल दिया गया।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में किसी भी स्तर पर लापरवाही अक्षम्य होगी। सभी संबंधित पदाधिकारी क्षेत्रीय भ्रमण करते हुए स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखें और आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहें।
बैठक में उप विकास आयुक्त, श्रीमती गुंजन सिंह,अपर समाहर्ता, सहायक समाहर्ता, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।


 
			 
			 
			 
			