Plantation movement: भोजपुर जिले को हरा-भरा बनाने के लिए मनरेगा योजना के तहत बड़ा पौधरोपण अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने, पर्यावरण संतुलन को बेहतर बनाने के साथ रोजगार उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय वर्ष 2025-26 में 5 लाख 42 हजार 400 पौधे लगाए जाएंगे। यह पौधे जल जीवन हरियाली मिशन के अंतर्गत मनरेगा योजना से लगाए जाएंगे। इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में अलग-अलग लक्ष्य तय किए गए हैं। पौधारोपण निजी जमीन, ग्रामीण सड़कों, जल संचयनों, नहरों और अन्य सरकारी भूमि पर किया जाएगा। इससे पर्यावरण संतुलन बेहतर होगा और ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा। पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में 5 लाख 11 हजार 880 पौधे लगाए गए थे। मनरेगा द्वारा पौधों की खरीद जीविका दीदी की नर्सरी से की जाएगी। छोटे पौधों के लिए ₹30 और बड़े पौधों के लिए ₹35 प्रति पौधा जीविका दीदी को दिए जाएंगे
विभाग द्वारा शत प्रतिशत पौधों को जीविका दीदीयों से खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। पूर्ति नहीं होने पर वन विभाग या रजिस्टर्ड वेंडर से आपूर्ति कराई जाएगी। पौधों की सुरक्षा और देखभाल के लिए लगभग 2700 वन पोषक बहाल किए जाएंगे। इससे स्थानीय लोगों को लंबे समय तक रोजगार मिल सकेगा। एक वन पोषक को 200 पौधों की देखभाल के लिए ₹1960 प्रतिमाह दिए जाएंगे। यह भुगतान 5 वर्षों तक किया जाएगा। जिला समाहरणालय। चालू वित्तीय वर्ष में योजना पर होगा काम: मनरेगा मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुमार राकेश रंजन ने बताया कि जिले में वित्तीय वर्ष में 2712 यूनिट पौधारोपण किया जाएगा। इसके लिए 226 पंचायतों में 5 लाख 42 हजार 400 पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए कनीय अभियंता और पंचायत तकनीकी सहायक द्वारा स्थल निरीक्षण और निजी लाभुकों से आवेदन लिए जा रहे हैं। पौधों की प्रजातिवार सूची जिला कार्यालय को भेजी जा रही है। ताकि समय पर जीविका दीदी की नर्सरी से लक्ष्य के अनुरूप पौधों की मांग की जा सके। निजी लाभुकों द्वारा मांगे गए पौधों की सूची भी जीविका कार्यालय को दी जा रही है। शत-प्रतिशत पौधे जीविका दीदी से ही लेने का लक्ष्य है। यदि पौधे उपलब्ध नहीं हुए तो वन विभाग या रजिस्टर्ड वेंडर से आपूर्ति कराई जाएगी। निजी भूमि पर पौधारोपण से किसानों की भी बढ़ेगी आमदनी मनरेगा योजना के पौधारोपण अभियान को लेकर निजी भूमि पर भी पौधारोपण को बढ़ावा दिया जाएगा।
किसानों को जागरुक कर उन्हें अपनी पसंद के पौधे लगाने की छूट दी जाएगी। इस पहल से पर्यावरण संतुलन बेहतर तो होगा ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। जिसमें 200 पौधा लगाने और उसकी देखरेख करने वाले किसानों या भूमि मालिकों को अगले 5 वर्षों तक के लिए विभाग 1960 रुपए प्रतिमाह सहयोग राशि भी देगा। किसानों के द्वारा फलदार पौधे के तहत आम, अमरूद, जामुन, कटहल सहित इमारती लकड़ी वाले पौधे जैसे महोगनी और सागवान की मांग की जा रही है। इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।

