NIA in Ara: बिहार में जाली नोटों के धंधेबाजों का पाकिस्तान से कनेक्शन खंगालने एनआइए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) की टीम बुधवार की सुबह भोजपुर पहुंची। टीम ने सहार थाने के कोरनडिहरी टोला और चौरी थाने के छतरपुरा गांव में सघन छापेमारी की। जाली नोटों के साथ कोरनडिहरी गांव निवासी मो वारिस की गिरफ्तारी और पूछताछ के आधार पर एनआइए की ओर से छापेमारी की कार्रवाई की गयी। डीएसपी व इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में टीम द्वारा सहार थाना क्षेत्र के कोरनडिहरी गांव निवासी शिक्षक अख्तर हुसैन और चौरी थाना क्षेत्र के छतरपुरा गांव निवासी उनके रिश्तेदार टोला सेवक जमाल अंसारी के घर की घंटों तलाशी ली। इस दौरान शिक्षक अख्तर हुसैन, उनके साले जमील अंसारी और जमाल अंसारी के पुत्र नेहाल अंसारी से पूछताछ भी की गयी। टीम ने जमील अंसारी के घर से एक मोबाइल और दोनों के घरों से बैंकों कागजात भी जब्त कर अपने साथ ले गई। जाली नोट के साथ गिरफ्तार मो वारिस कोरनडिहरी टोला निवासी शिक्षक अख्तर हुसैन का पुत्र है। वह फिलहाल बेउर जेल में बंद है. एनआइए की ओर से पूछताछ के लिए अख्तर हुसैन, जमाल अंसारी और उनके पुत्र नेहाल अंसारी को पटना भी तलब किया गया है। हालांकि, छापेमारी में शामिल अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज करते रहे. वहीं, छापेमारी के दौरान विधि-व्यवस्था को लेकर स्थानीय थानों की पुलिस की भी मौजूद थी। इधर, बुधवार की सुबह एनआइए की छापेमारी की सूचना से दोनों गांवों सहित पूरे जिले में खलबली और गहमागहमी मची रही।
सहार में सुबह करीब छह बजे से दिन के 11 बजे तक की गयी छापेमारी
जाली नोटों के धंधे और धंधेबाजों के पाकिस्तानी आतंकी कनेक्शन की जांच करने सहार पहुंची एनआइए की टीम करीब पांच घंटे तक सहार में जमी रही। टीम सुबह करीब छह बजे ही सहार पहुंच गयी थी। इंस्पेक्टर सच्चिदानंद के नेतृत्व में टीम कोरनडिहरी टोला निवासी अख्तर हुसैन, जबकि इंस्पेक्टर राजेश कुमार मिश्रा की अगुवाई में टीम छतरपुरा गांव निवासी जमील अंसारी के घर छापेमारी की। टीम घंटों दो नों घरों में छानबीन और तलाशी करती रही। उस दौरान टीम की ओर से अख्तर हुसैन, जमाल अंसारी और नेहाल अंसारी से भी पूछताछ की गयी. करीब 11 बजे छापेमारी और पूछताछ के बाद टीम लौट गयी। छापेमारी टीम में एनआइए के एएसआइ ब्रजेश कुमार, जय प्रकाश और चंदन कुमार शामिल थे. वहीं, सहयोग को लेकर सहार थानाध्यक्ष दीपक कुमार के अलावे चोरी और सिकरहट्टा थाने की पुलिस भी मौजूद थी। जबकि, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सहार थाना क्षेत्र के कौरनडिहरी गांव निवासी अख्तर हुसैन का पुत्र मो.वारिस सीतामढ़ी के पुपुरा में स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में इंजीनियरिंग कर रहा था, तभी उसके मेरे भाई द्वारा उसे कहा गया था कि एक व्यक्ति के पास मेरा पैसा बकाया है, तुम जो उसे लेकर आओ, तभी बाद उसने भागलपुर निवासी मो.नजर सद्दाम के फोन पर कॉल कर बात की थी। उस समय रक्सौल पुलिस के द्वारा मो.नजर सद्दाम के मोबाइल नंबर को ट्रैक पर रखा गया था। उसके आधार पर पुलिस ने पहले मो.वारिस को पकड़ा था। उसके बाद मोबाइल ट्रैक लोकेशन के आधार पर मोतिहारी पुलिस ने मोतिहारी बस स्टैंड से मो.नजर सद्दाम को गिरफ्तार किया गया था।
सितंबर 2024 में चंपारण में एक लाख 95 हजार के जाली नोट के साथ पकड़ा गया था वारिस
सहार थाना क्षेत्र के कोरनडिहरी गांव निवासी अख्तर हुसैन के पुत्र मो. वारिस को सितंबर, 2024 में काफी मात्रा में जाली नोटों के साथ चंपारण में गिरफ्तार किया गया था। उसके साथ भागलपुर और पटना के दो धंधेबाजों को भी पकड़ा गया था। उस मामले में पूर्वी चंपारण के बंजरिया थाने में थानाध्यक्ष इंद्रजीत पासवान के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। उसमें नेपाल के परसा जिला के वीरगंज थाना क्षेत्र के लीचक गांव निवासी शंभू सहनी के पुत्र राजेश सहनी, जम्मू के अनंतनाग थाना क्षेत्र के दमहल गांव निवासी सरफराज उर्फ मुजफ्फर अहमद बानी, पटना के सिंगोड़ी थाना क्षेत्र के चंडौस गांव निवासी मो.जाकिर हुसैन, भागलपुर जिले के इश्कचक थाना क्षेत्र के भिरवनपुर गुमटी निवासी मो.नजर सद्दाम और भोजपुर के सहार थाना क्षेत्र के कोरनडिहरी गांव निवासी अख्तर हुसैन के पुत्र मो. वारिस को नामजद आरोपित किया गया है। पुलिस के अनुसार पांच सितंबर 2024 को बंजरिया थाना क्षेत्र में इनपुट के आधार पर वाहन चेकिंग के दौरान एक लाख 95 हजार के भारतीय जाली नोट के साथ तीन धंधेबाज पकड़े गये थे, उनमें भोजपुर जिले के सहार थाना क्षेत्र के कोरनडिहरी गांव निवासी मो. वारिस के अलावे भागलपुर के इशाकचक थाना क्षेत्र का रहने वाला नजरे सद्दाम और पटना के सिगोडी थाना क्षेत्र निवासी मो. जाकिर हुसैन शामिल थे।

