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Next CM face of Bihar: अगले CM की दौड़ में प्रशांत किशोर भी, बिहार चुनाव से पहले हुए सर्वे में लोगों ने जताया भरोसा

Next CM face of Bihar: बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव को लेकर सभी दल कमर कस मैदान में उतर आए है। उससे पहले चर्चा हो रही है कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसको लेकर सी-वोटर का नया सर्वे सामने आया है, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

सी-वोटर के सर्वे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है, जबकि आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की लोकप्रियता बढ़ी है। सर्वे के आंकड़े बताते कि 41 फीसदी लोग तेजस्वी यादव को बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनता हुआ देखना चाहते हैं, जबकि केवल 18 फीसदी लोग ही हैं, जो नीतीश कुमार को फिर से सीएम के पद पर देखना चाहते हैं। पर, इन सबके बीच बिहार के लोगों ने प्रशांत किशोर पर ज़्यादा भरोसा जताया है।

बिहार में प्रशांत किशोर की बढ़ी लोकप्रियता

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार की जनता भी काफ़ी सक्रिय है। इस बार के चुनाव में बिहार के लोग नए CM के चेहरे को मौक़ा देना चाहते है। चुनाव में जनसुराज पार्टी का सक्रिय हो जाना बिहार के बदलाव की ओर ईशारा कर रहा है। सर्वे में यही नज़र आया है। बिहार के 15 फीसदी लोग प्रशांत किशोर को सीएम बनता हुआ देखना चाहते हैं। CM फ़ेस की दौड़ में प्रशांत किशोर लोगों की पसंद में है। इस सर्वे के अनुसार पीके भाजपा के सम्राट चौधरी और लोजपा(आर) के चिराग़ पासवान से आगे हैं। सम्राट चौधरी को 8 फीसदी लोग ही सीएम के पोस्ट पर देखना चाहते हैं। जबकि,  4 प्रतिशत लोगों की पसंद हीं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान हैं।

बिहार में जिस तरह से प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी जनसुराज के प्रति लोगों का विश्वास दिख रहा है, ये आने वाले चुनाव को दिलचस्प बना सकता है। सर्वे के इन आँकड़ो से यह स्पष्ट दिख रहा है की इस बार प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज बड़ी भूमिका निभा सकती है।

50 फीसदी लोग नीतीश सरकार से नाराज 

इस सर्वे के मुताबिक, बिहार के 50 फीसदी लोग नीतीश-बीजेपी सरकार से नाराज हैं। वहीं, 22 फीसदी लोग सरकार से नाराज तो हैं, जबकि बदलाव नहीं चाहते। 25 प्रतिशत लोगों ने साफ कहा कि वे न तो नाराज हैं और न ही सरकार बदलने के पक्ष में हैं।

बिहार में चुनावी मुद्दा क्या है?

इस बार के चुनावों में बिहार में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। सर्वे के मुताबिक, 45 प्रतिशत लोगों ने बेरोजगारी को अपनी प्राथमिकता बताया। इसके बाद 11 प्रतिशत लोगों ने महंगाई को सबसे अहम मुद्दा माना है, जबकि 10 प्रतिशत लोगों के लिए बिजली, पानी और सड़कें मुद्दा हैं। केवल 4 प्रतिशत लोगों ने कृषि से जुड़े मुद्दों और भ्रष्टाचार पर वोट देने की बात कही।

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