Jansuraj honoured Retired Soldiers: जनसुराज पार्टी भोजपुर इकाई के द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शनिवार को सेवानिवृत सैनिकों एवं वीरांगनाओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। साथ हीं समाज के प्रबुद्ध लोगों के साथ संवाद भी किया गया।
आयोजन के मुख्य अतिथि पूर्व सह सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट एस के सिंह, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कर्नल डॉ राजेश कुमार एवं कर्नल राणा प्रताप सिंह थे। साथ हीं मंच पर राज्य समिति सदस्य चंद्रशेखर जी, संदेश के पूर्व MLA सिद्धनाथ राय, भोजपुर जिलाध्यक्ष अभय सिंह, उपाध्यक्ष नवीन राय थे। इस कार्यक्रम के आयोजन में आरा विधानसभा के संभावित प्रत्याशी डॉ विजय गुप्ता की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्र गान के साथ हुई। इसके बाद दो मिनट का मौन रख कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सम्मान समारोह में उपस्थित सभी सेवानिवृत सैनिकों और शहीद सैनिक की पत्नी व माताओं को सम्मानित किया गया। वीरांगनाओं को पूर्व महिला अध्यक्ष सह शाहपुर की संभावित प्रत्याशी डॉ पद्मा ओझा ने सम्मानित किया। वहीं, सेवानिवृत सैनिकों को लेफ्टिनेंट एस के सिंह, कर्नल राजेश कुमार, कर्नल आर पी सिंह, जिला अध्यक्ष अभय सिंह एवं डॉ विजय गुप्ता ने किया।
संबोधित करते हुए पूर्व सह सेनाध्यक्ष एस के सिंह ने कहा कि फौजी कभी राजनीतिज्ञ नहीं बन पाता। यदि बनता है तो इसके पीछे की वजह भी उनका देश प्रेम और सेवा भावना होती है। अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रशांत ने मुझे अपनी मिट्टी के प्रति कर्तव्य की याद दिलाई। उनका समर्पण बाकी सभी राजनीतिज्ञों से अलग है। मैं कभी नेता नहीं बनना चाहता था। उनके भाव से अभिभूत होकर मैने उनका साथ दिया।
अपने मैनिफेस्टो का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हर प्राइवेट या सरकारी नौकरी में सैनिकों के लिए रिजर्वेशन होना चाहिए। बिहार में अब शासन कमजोर है। पहले के नीतीश कुमार और अब के नीतीश कुमार में बहुत बड़ा अंतर है। वो अपने कार्यों को भूल गए है। आज राजनीति को युवाओं की जरूरत है। अभी की राजनीति के ज्यादातर लोगों के पांव कब्र में है, पर वो राजनीति नहीं छोड़ना चाहते। आज के समय में हर पार्टी के अंदर नेतृत्व को कमी है। निर्णय लेने की क्षमता खत्म हो गई है। इन्हीं के वजह से पूरे देश में बिहारियों की छवि मजदूरों की बन कर रह गई। बाहर में बिहार से कई अधिकारी भी हैं, पर उन्हें बिहारी नहीं माना जाता। वे जानते है बिहारी यानी मजदूर। इस सोच को मिटाने के लिए बिहार में व्यवस्था बदलनी जरूरी है। यह प्रशांत किशोर के नेतृत्व में हीं संभव है।
कर्नल राजेश कुमार ने कहा कि वर्दी उतरने के बाद हमारा कर्तव्य खत्म नहीं होता। हम पेंशनधारी हैं। हमलोगों का काम है समाज में गलत न होने देना। जनसुराज वहीं मुहिम रही। इस मुहिम में कोई मालिक नहीं है। है सबको इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए। हमलोगों को ये समझना होगा कि कोई मालिक नहीं होता। जो हमलोग सोचते है। थाना का थानाध्यक्ष मालिक, जिले का जिलाधिकारी मालिक, राज्य का मुख्यमंत्री मालिक। नहीं मालिक कोई नहीं होता। जनसुराज कहता है कि जनता हीं मालिक है।
पूर्व विधायक सिद्धनाथ राय ने कहा कि मैं पहले से ही मन से जनसुराज से जुड़ चुका था, अब प्रत्यक्ष रूप से सबके हूं।
डॉ विजय गुप्ता ने संबोधन की शुरुआत शहीदों की वीरांगनाओं और सेवानिवृत सैनिकों के चरण वंदन से किया। उन्होंने कहा कि जनसुराज आपको आवश्वत करता है कि हमारी सरकार में बिहार अग्रणी रहेगा। प्रशांत किशोर ने जमीनी मुद्दों को उठाया। इस बार चुनाव जाती और मजहब के आधार पर नहीं होगा। पहली बार बिहार में लड़ाई मुद्दों पर आधारित होगी। जहां स्वांग नहीं होता वहां उत्थान होता है। जनसुराज की सरकार उत्थान के लिए आ रही है। आप सबका साथ हमें मजबूत बनाएगा। इस बार लड़ाई बॉर्डर पर नहीं अपने बिहार के व्यवस्था परिवर्तन की है।
नवीन राय ने कहा कि जो आप सैनिकों ने देश के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया है, इसके आगे कहने को क्या ही बचता है। आप लोगों ने हमेशा देश का सम्मान बचाया है, सुरक्षा की है। आज उसी की जरूरत हम सबको है। अब अपने बिहार के लिए एकजुट होना है।
अंत में भोजपुर जिला अध्यक्ष अभय सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि हम सभी को अपने जिले को जनसुराज की सोच के साथ आगे ले जाना है। अब समय आ गया है कि हम बिगुल फूंक कर आगे बढ़े।
कार्यक्रम का संचालन उपाध्यक्ष कमलेश सिंह कमल ने किया।
आयोजन में विचार मंच से सुधीर मिश्रा, विनय कृष्ण मिश्र, पद्मा ओझा, अशोक मानव, गोविंद जी, राहुल सिंह, उपेंद्र यादव, डॉ संजीव, काजल दुबे, कमल किशोर, धीरेन्द्र पांडे, दीपक सिंह व अन्य कई लोग थे।

