फटाफट

Health News: स्वास्थ्य मंत्रालय की छह सदस्यीय टीम ने जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का किया निरीक्षण, गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच होगी सख़्त

Health News: जिले में गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच अब और सख्त होगी। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की छह सदस्यीय टीम ने भोजपुर जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया कि एएनसी के लिए आने वाली हर गर्भवती महिला की एचआईवी के साथ-साथ हेपेटाइटिस-बी की अनिवार्य जांच की जाए और सभी को आवश्यक टीकाकरण भी दिया जाए। टीम ने जिले के स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर संतोष जताते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं को और बेहतर बनाने की सलाह दी।

जिले में स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं की गुणवत्ता का जायजा लेने गुरुवार को, भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीएचसीपी) और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) की छह सदस्यीय टीम ने विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों का निरीक्षण किया। टीम के सदस्यों ने कोईलवर के बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (मेंटल हॉस्पिटल), धनडीहा के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी), सदर अस्पताल एवं बिहिया सीएचसी का भ्रमण किया। निरीक्षण के दौरान एसीएमओ सह डीआईओ डॉ. संजय कुमार सिन्हा, एमओआईसी डॉ. उमेश कुमार सिंह, डीसीक्यूएम डॉ. ऋचा कुमार, डीपीएम रवि रंजन, सदर अस्पताल प्रबंधक शशिकांत कुमार, बीएचएम शंभू भगत, बीसीएम गगन देव राम, वीबीडीएस राजन कुमार, पीरामल फाउंडेशन के एसपीएम अभिषेक, डीएल शिखा मिश्रा, सीएफएआर की जुलेखा फातमा, एसपीए अमित सिंह समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी व आशा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

निरीक्षण टीम थे 6 सदस्य टीम में एनवीएचसीपी के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. गोविंद बंसल, डॉ. प्रीति मदन, एनसीवीबीडीसी के मेडिकल ऑफिसर डॉ. मनप्रीत सिंह, रिसर्च असिस्टेंट शैफाली शर्मा, मलेरिया इंस्पेक्टर जुगल किशोर, राज्य प्रतिरक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. राम रतन कुमार और आशा टीम लीडर प्रणय कुमार शामिल थे। निरीक्षण के क्रम में धनडीहा एचडब्ल्यूसी पर ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. प्रीति मदन ने सीएचओ प्रियंका कुमारी से विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि एएनसी (गर्भवती महिलाओं की जांच) के लिए आने वाली हर महिला की एचआईवी के साथ हेपेटाइटिस बी की जांच अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। साथ ही प्रत्येक गर्भवती महिला को हेपेटाइटिस बी का टीका भी अवश्य लगे, ताकि आने वाली पीढ़ी इस संक्रमण के खतरे से बच सके। उन्होंने कहा कि यदि सभी गर्भवती महिलाओं को यह टीका लग जाए तो स्वास्थ्य विभाग पर भविष्य में पड़ने वाला दबाव भी कम होगा। इस दौरान टीम ने उच्च रक्तचाप और फाइलेरिया के मरीजों से बातचीत कर दी जाने वाली सुविधाओं का फीडबैक भी लिया। स्वयं मरीज बनकर उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में आभा आईडी बनाने तथा अन्य सेवाओं की प्रक्रिया को परखा।