Fight against Filaria: भोजपुर जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) की तैयारी तेज हो गई है। इसके पूर्व सभी प्रखंडों में फाइलेरिया प्रसार की जांच के लिए नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) की शुरुआत सोमवार की रात से की गई। कार्यक्रम का संचालन सिविल सर्जन डॉ. शिवेंद्र कुमार सिन्हा एवं प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हो रहा है।
इसकी निगरानी वीसीडीओ अजीत कुमार एवं अनुज कुमार कर रहे हैं। नाइट ब्लड सर्वे के दौरान सभी प्रखंडों में 1 सेंटिनल साईट से 300 और 1 रैंडम साईट से 300 रक्त के नमूने लिए जाएंगे। वहीं आरा शहरी क्षेत्र में प्री टास हेतु 2 परपसिव साईट से 600 और 1 रैंडम साईट से 300 रक्त नमूने एकत्र किए जाएंगे। यह सर्वे रात 8:30 बजे से रात 12 बजे तक किया जाएगा।
इसी क्रम में 18 अगस्त सोमवार की रात संदेश प्रखंड के बागा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अंतर्गत अहिमनचक गांव में नाइट ब्लड सर्वे आयोजित हुआ। इस दौरान सीएचओ, प्रयोगशाला तकनीशियन, संदेश पीएचसी के स्वास्थ्यकर्मी एवं आशा कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई। सर्वे में कुल 58 रक्त नमूने एकत्र किए गए। इस दौरान सीएचओ-पीएसपी सदस्य, फाइलेरिया रोगी, उपमुखिया हरीशंकर सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार सिंह एवं सिफार की जुलेखा ने भी भागीदारी की।
फाइलेरिया की प्रसार दर 1 % या अधिक होने पर एमडीए का संचालन सर्वे का महत्व इस बात में है कि यदि किसी प्रखंड में माइक्रो फाइलेरिया का प्रसार दर 1 प्रतिशत या उससे अधिक पाया जाता है, तो वहां एमडीए का संचालन किया जाएगा। वहीं, यदि दर 1 प्रतिशत से कम होगी तो उस प्रखंड में एमडीए नहीं चलेगा।
धीरे-धीरे शरीर में बढ़ती है फाइलेरिया फाइलेरिया एक परजीवी रोग है, जिसे आमतौर पर लोग हाथीपाँव के नाम से भी जानते हैं। यह बीमारी बहुत धीरे-धीरे शरीर में बढ़ती है और लंबे समय बाद अपने लक्षण दिखाती है। यह संक्रामक रोग नहीं है, मतलब छूने से या साथ रहने से नहीं फैलता। सिर्फ संक्रमित मच्छर के काटने से ही फैलता है।

