Ekadashi 2025: माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को होने वाला षटतिला एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति को अनेक लाभ और पुण्य मिलता है। इस वर्ष यह व्रत आज अर्थात् 25 जनवरी को मनाया जा रहा है। क्या आपको पता है इस व्रत के लाभ? जानें षटतिला एकादशी के व्रत का महत्व, पूजा का शुभ मुहूर्त और लाभ:
पूजा का मुहूर्त
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 05:26 से 06:19 तक रहेगा. प्रात: संध्या 5:53 से 7:13 बजे तक है. अभिजित मुहूर्त 12:12 से 12:55 बजे तक रहेगा. विजय मुहूर्त 2:21 से 3:03 बजे तक होगा. गोधूलि मुहूर्त 5:52 से 6:19 बजे तक रहेगा.
पारण का समय
जो भक्त षटतिला एकादशी का व्रत रखते हैं, वे दिनभर व्रत करने के बाद पारण अगले दिन 26 जनवरी को सुबह 7:12 बजे के बाद किसी भी समय कर सकते हैं.
षटतिला एकादशी व्रत के लाभ
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. ‘षट’ का अर्थ है ‘छह’, अर्थात इस दिन तिल का उपयोग छह विभिन्न तरीकों से करना शुभ माना जाता है. इसके अतिरिक्त, इस दिन तिल का दान करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है. व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस व्रत में जो व्यक्ति तिल का उपयोग और दान विभिन्न रूपों में करता है, उसे उतने हजार वर्षों तक स्वर्ग की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, जल में तिल मिलाकर तर्पण करने से मृत पूर्वजों को शांति मिलती है.

