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Doctors on Strike: सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों की तीन दिन हड़ताल, बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी बनाने का विरोध

Doctors on Strike: डॉक्टरों के वेतन बंद होने पर भाषा के आह्वान पर अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सहित जिले भर के सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने गुरुवार से तीन दिनों की हड़ताल शुरू कर दी है. मुख्य वजह बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी बनाने को लेकर है. डॉक्टर बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं बनना चाह रहे हैं. हड़ताल से एक तरफ जहां मरीज को परेशानी हो रही है ,वहीं उन्हें निजी अस्पतालों, क्लिनिकों आदि में इलाज करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. सदर अस्पताल आरा एवं जिले के सभी प्रखंडों में डॉक्टरों ने ओपीडी में कार्य को बंद कर दिया है. ऐसे में इलाज कराने के लिए सदर अस्पतला आरा मरीजों को बिना इलाज कराये ही लौटना पड़ा. वहीं कई मरीज निजी क्लिनिकों में पहुंचे, जिससे उन्हें आर्थिक बोझ पड़ रहा है. इलाज के लिए पहुंचे मरीजों का कहना था कि आखिर डॉक्टर बायोमेट्रिक हाजिरी क्यों नहीं बनना चाह रहे हैं. जब सरकार लाखों रुपये मरीजों की चिकित्सा को लेकर डॉक्टरों को वेतन दे रही है. फिर डॉक्टर बायोमेट्रिक से हाजिरी बनाने में क्यों परेशान हो रहे हैं. हालांकि सदर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा चालू रखा गया है. पर वह भी केवल खाना पूर्ति की जा रही है.

सीएस बोले- मुझे नहीं दी गयी हड़ताल की जानकारी

सिविल सर्जन डॉ शिवेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि डॉक्टरों द्वारा हमें कोई वजह हड़ताल पर जाने का नहीं बताया गया है. हमारी इमरजेंसी सेवा सुचारू रूप से चल रही है. प्रखंडों में कार्य बेहतर ढंग से हो रहा है. उन्होंने बताया कि सुनने में आया है कि दो-तीन जिलों में प्रशासन द्वारा डॉक्टरों को कुछ परेशानी है, जिसे लेकर डॉक्टरों ने हड़ताल की है. जबकि सदर अस्पताल में कार्यरत फिजिशियन चिकित्सक डॉ आशुतोष कुमार ने बताया कि बायोमेट्रिक हाजिरी बनाने के आधार पर बिहार के शिवहर, गोपालगंज एवं मधुबनी जिले में डॉक्टरों के वेतन पर रोक लगा दी गयी है. उसी के विरोध में 27 मार्च से 29 मार्च तक पूरे प्रदेश में डॉक्टरों ने हड़ताल कर ओपीडी को बंद कर दिया है.