Disaster in Jawayiniya village: भोजपुर के शाहपुर में बाढ़ के हालात अभी भी बेक़ाबू है। गंगा के जलस्तर में कमी के बावजूद शाहपुर के जवइनिया गांव में कटाव की स्थिति जस की तस बनी हुई है। कटाव निरंतर जारी है। ग्रामीणों की स्थिति कटाव के कारण विकराल बनी हुई है। मंगलवार की सुबह भी कटाव के कारण आधा दर्जन से ज्यादा घर एक-एक कर गंगा में समाहित हो गये। घरों के आगे बने भगवान के मंदिर भी गंगा नदी में समाहित हो गये। कटाव के रौद्र रूप को देखते हुए गांव के करीब सौ से ज्यादा परिवार यह मान चुके हैं कि उनके घरबार और मकान बचने वाला नहीं है। लिहाजा उन्होंने अपने लिए अन्यत्र रहने का इंतजाम करना शुरू कर दिया है।
गांव के गणेश पांडे व लक्ष्मण पांडे सहित लोगों का घर पूरी तरह गंगा नदी में समा गया, जो उन्होंने लगभग पांच से सात दशक पहले खून पसीना एक कर बनाया था। पिछले एक सप्ताह के भीतर कटाव के कारण गांव के करीब 60 से ज्यादा घर गंगा में समा चुके हैं। इसके साथ करीब एक दर्जन छोटे बड़े मंदिर और सैकड़ों बड़े पेड़ कटाव की चपेट में जाकर गंगा नदी में समाहित हो चुके हैं। कटाव के रोकथाम को लेकर जितने भी कार्य चल रहे हैं, सारे कार्य कटाव को रोकने में अपर्याप्त साबित हो रहे हैं।
आपदा की इस स्थिति में ज़िला प्रशासन लोगों के साथ है। अधिकारी भी गांव में ही कैंप किए हुए हैं। लोगों को कटाव स्थल से दूर रहने को कहा जा रहा है, ताकि कटाव से किसी भी जान की नुकसान नहीं हो। सीओ रश्मि सागर व बीडीओ शत्रुंजय कुमार सिंह ने कहा कि इसके लिए तीन शिफ्ट में पुलिस बल के साथ कर्मियों की तैनाती की गयी है। कटाव पीड़ितों को गांव के उच्च विद्यालय व बक्सर-कोईलवर तटबंध पर सामुदायिक रसोई का प्रबंध किया गया है।
जवइनिया को बचाने के लिए विधायक ने पीएम को लिखा पत्रस्थानीय विधायक राहुल तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील को जवइनिया गांव को बचाने के लिए पत्र लिखा है। पत्र विधायक द्वारा वर्णित किया गया है कि भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड अंतर्गत जवइनिया गांव में गंगा नदी के कटाव के कारण त्रस्त है। गांव के करीब 100 से ज्यादा घर गंगा नदी में समाहित हो चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा कराए गए सारे बचाव कार्य नाकाफी साबित हुए हैं। इसलिए अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश के नौरंगा से लेकर जवइनिया गांव तक पिचिंग व बोल्डर के साथ कटाव निरोधी कार्य कराया जाय ताकि जवइनिया गांव का अस्तित्व बच सके।

