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Dharmendra Ray loot- murder case: 48 घंटे में पुलिस ने मामले का किया उद्भेदन, शूटर, लाइनर समेत पाँच गिरफ्तार, पैसे भी बरामद

Dharmendra Ray loot- murder case: बहोरनपुर थाना अंतर्गत CSP संचालक के साथ हुई लूट और हत्या मामले में पुलिस ने त्वरित कारवाई करते हुए पाँच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर किया है। भोजपुर पुलिस ने SP राज के नेतृत्व में  CSP संचालक धर्मेंद्र राय की हत्या में शामिल शूटर, लाइनर समेत 4 अपराधियों को दो दिनों के अंदर पकड़ा है। इसमें एक एक महिला भी है। साथ ही, पुलिस ने पैसे भी बरामद कर लिए है।

गुरुवार को SP राज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य आरोपी और शूटर रवि पांडेय है, जो सिन्हा थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव का रहने वाला है। अन्य आरोपियों में गोलू, नगर थाना क्षेत्र के कसाप टोला का रहने वाला मोहम्मद आमिर, बहरोनपुर थाना क्षेत्र के दामोदरपुर गांव का रहने वाला सुजीत कुमार और बक्सर जिला के कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के ढकैच गांव के रहने वाले संजय दुबे की पत्नी आरती देवी शामिल हैं। आरती देवी शूटर रवि पांडेय की बहन है।

पकड़े गए आरोपितों के पास लूट के 4 लाख, 10 हजार रुपए, घटना में प्रयुक्त दो पिस्टल, चार जिंदा कारतूस, एक मैगजीन और हत्या में प्रयुक्त एक ब्लू रंग की अपाची बाइक बरामद हुई है। लूट के रुपए और हथियार रवि की बहन आरती देवी के घर से बरामद हुआ है।

लूटपाट के दौरान हुई थी हत्या

पुलिस अधीक्षक राज ने घटना के बारे में बताया कि बताया कि विगत तीन फरवरी को अपराधियों ने एक CSP संचालक की गोली मारकर हत्या कर दी थी और उसके पास से 4 लाख, 10 हजार रुपए लूट लिए गए थे। हत्याकांड के बाद SIT का गठन किया गया था। टीम पिछले 48 घंटे से लगातार अलग-अलग इलाकों में छापेमारी कर रही थी। DIU और SIT की टीम ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए हत्याकांड में शामिल सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी करते हुए लूट के रुपए बरामद का लिए गए हैं।

SP राज ने आगे बताया कि रवि पांडेय ने CSP संचालक धर्मेंद्र के सिर में एक गोली मारी थी। गोलू प्रसाद ने मुख्य आरोपी रवि को अपने पास पनाह दी थी। मोहम्मद आमिर ब्लू कलर का बाइक चला रहा था, जिस पर बैठकर रवि ने वारदात को अंजाम दिया था।

हत्याकांड में सुजीत लाइनर का काम कर रहा था। घटना को अंजाम देने के बाद रवि पांडेय, गोलू प्रसाद के साथ अपनी बहन आरती देवी के घर गया था और लूट के रुपए और हथियार छोड़कर आया था। मुख्य आरोपी रवि पांडेय ने पुलिस के पूछताछ में बताया कि घटना को अंजाम देने से दो दिन पहले से रेकी की जा रही थी।

सुजीत था लाइनर, रेकी और प्लानिंग से हुई थी लूटपाट

सुजीत ने बताया था कि CSP संचालक प्रतिदिन चार से पांच लाख रूपए बैंक से लेकर आते-जाते हैं। सुजीत अपने एक साथी के साथ बैंक से धर्मेंद्र के निकलने के बाद उसका पीछा करते हुए बहोरनपुर बांध तक आया और फिर फोन कर रवि को बुलाया। इसके बाद धर्मेंद्र से पैसे लूटने के बाद गोली मारी गई। सभी पहले लूट के घटना को अंजाम देने के फिराक में थे, लेकिन लूट के दौरान धर्मेंद्र की रवि पांडेय और मोहम्मद आमिर के बीच हाथापाई हुई।

इसी दौरान रवि पांडेय ने पिस्टल निकालकर धर्मेंद्र को गोली मार दी। रवि पांडेय उत्तर प्रदेश में शराब मामले में जेल भी गया है। धर्मेंद्र हत्याकांड एक ब्लाइंड केस था, घटनास्थल के पास कोई भी कैमरा नहीं था। इसके बाद भी पुलिस ने वारदात के तीसरे दिन घटना का खुलासा कर दिया।