Chaturmas In Ara: जैन धर्म के लिए प्रसिद्ध रही आरा की भूमि पर जैन मुनि, क्रांतिकारी विचारक, सराक केसरी परम् पूज्य श्री विशल्य सागर महाराज ससंघ का चातुर्मास के लिए आज आगमन हो रहा है। जैन समाज के मीडिया प्रभारी निलेश कुमार जैन ने बताया कि परम् पूज्य समाधि सम्राट गणाचार्य विरागसागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य क्रांतिकारी विचारक मुनि श्री 108 विशल्य सागर महाराज ससंघ का चातुर्मास, पट्टाचार्य आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से धर्मनगरी आरा में होगा।
चातुर्मास संयोजक डॉक्टर शशांक जैन ने बताया कि मुनिसंघ का मंगल प्रवेश बृहस्पतिवार को प्रातः 5:30 बजे धनुपुरा में जैन बाला विश्राम से गाजे-बाजे के साथ आरा नगर में होगा। जिसकी भव्य तैयारी सकल दिगंबर जैन समाज (आरा) के द्वारा किया जा चुका है। चातुर्मास व्यतीत करने के लिए आरा में पधार रहे मुनिसंघ में क्रांतिकारी विचारक मुनि श्री 108 विशल्य सागर महाराज, छुल्लक श्री 105 विश्वमार्दव सागर जी महाराज, क्षुल्लिका श्री 105 विशाम्यश्री, क्षुल्लिका श्री 105 धवलश्री आदि संत आएंगे।
जैन मंदिरों के लिए आरा प्रसिद्ध जैन मंदिरों के लिए आरा शहर प्रसिद्ध है। मंदिरों की संख्या और उसके महत्व के हिसाब से भी। यहां करीब तीन दर्जन जैन मंदिर है। इनमें प्राचीन मंदिर भी है। यहां प्राचीन समय से जैन समाज रहता है। यहां का जैन समाज जिले की सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर शामिल होता है। जैन समाज का आरा शहर और भोजपुर जिले में कई दिन है। समाजसेवा में भी जैन समाज काफी आगे रहता है। अक्सर जैन मुनि आरा में आते हैं। जिनके दर्शन और उपदेश सुनने के लिए अन्य समाज के लोग भी पहुंचते हैं। चातुर्मास अनुष्ठान के संयोजक डॉक्टर शशांक जैन और जैन समाज की मीडिया प्रभारी निलेश कुमार जैन ने बताया कि चातुर्मास के लिए भव्य तैयारी हो रही हैं।

