70वीं बीपीएससी परीक्षा को पुनः कराने की माँग हर रोज़ ज़ोर पकड़ रही है। इसे लेकर अब आंदोलन तीव्र हो रहा है। राजनीतिज्ञों के आने के साथ ही बिहार बंद और विरोध प्रदर्शन और सबल हो गया है।
आज री-एग्जाम की मांग को लेकर सीएम आवास की ओर से बढ़ रहे अभ्यर्थियों को पटना पुलिस ने पहले तो डाकबंगला चौराहे पर रोक दिया। पुलिस और छात्र यहां पर आपस में भिड़ गए। अभ्यर्थी सीएम से मिलने की जिद्द पर अड़े हुए है। प्रदर्शन कर रहे छात्र चार जनवरी को होने वाली 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि सरकार 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा रद्द कर फिर से री एग्जाम करवाये।
दूसरी ओर बीपीएससी इसके लिए तैयार नहीं है। आयोग का कहना है कि 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा में जहां पर गड़बड़ी की सूचना मिली है, हम लोग वहां पर परीक्षा रद्द कर फिर से एग्जाम लेंगे। इस मुद्दे पर ही बीपीएससी अभ्यर्थी और बिहार लोक सेवा आयोग आमने सामने है।
पप्पू यादव समर्थकों का बिहार बंद
इसी कड़ी में बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर पप्पू यादव ने अपने समर्थकों के साथ पूरे प्रदेश में रेल चक्का और एनएच को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। सुबह सुबह पप्पू यादव ने सचिवालय हॉल्ट पर रेल चक्का को रोक दिया और बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में लवे ट्रैक के बीचों-बीच जाकर बैठ गए, पटना पुलिस ने जबरदस्ती ट्रैक से हटाया।
पप्पू यादव ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि मैं बीपीएससी छात्रों के लिए लाठी गोली खाने की तैयार हूं। सदन से सड़क तक बीपीएससी छात्रों की लड़ाई लड़ूँगा। बीपीएससी री एग्जाम को लेकर में सुप्रीम कोर्ट तक जाऊँगा। कपिल सिब्बल से हमारी बात हुई है। पेपर लीक आज के समय का सबसे बड़ा मुद्दा हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प हैं बिहार से पेपर लीक को ख़त्म करना है। बच्चों के भविष्य के लिए हम लड़ाई लड़ेंगे। अगर प्रशासन जबरन एग्जाम करा भी ले तब भी मैं इसे सुप्रीम कोर्ट जाऊँगा। किसान आंदोलन और मंडल आयोग की तरह ही यह लड़ाई लंबी होगी। छात्रों को न्याय दिलाने के लिए शांतिपूर्ण चक्का जाम रहेगा। उनका उद्देश्य शांतिपूर्वक तरीके से सरकार तक अपनी बात पहुंचाना है। जबतक बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा को कैंसिल नहीं करती तब तक इनका आंदोलन जारी रहेगा।
प्रशांत किशोर का अनशन दूसरे दिन भी जारी
दूसरी तरफ़ जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी इस आंदोलन में जम गए है। गांधी मैदान में छात्र संसद बुलाने और कई वाद- विवाद के बीच उन्होंने अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठने का फ़ैसल लिया था। प्रशांत किशोर गांधी मैदान में गांधी प्रतिमा के नीचे बैठकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। पटना जिला प्रशासन ने इसे गैर कानूनी घोषित करते हुए कार्रवाई की चेतावनी दे दी है। इससे पहले बिना परमिशन के अनशन करने पर प्रशांत किशोर पर पुलिस ने एक और एफआईआर दर्ज कर लिया है। इस बीच प्रशांत किशोर ने पटना पुलिस और प्रशासन को गिरफ्तार करने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि हम चोर डकैत नहीं जो कार्रवाई के नाम पर डर जाएंगे।
प्रशांत ने स्पष्ट किया की FIR बेमतलब है। वो तो पहले से उन्होंने किया है। पकड़ लीजिए, पकड़ के जेल में डाल दीजिए। जब मैंने कुछ किया हीं नहीं है तो मुझे किस बात का डर। जो लोग माफिया है ग़लत करने वाले है, उन्हें तो पकड़ते नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस और प्रशासन को लगता है कि हमारा काम गैर कानूनी है तो उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करना चाहिए। गिरफ्तार करने के लिए नया एफआईआर करने की जरूरत क्या है, पहले से केस दर्ज है। उन्हें उसी केस में पकड़ लेना चाहिए। हमारा अनशन सिर्फ बीपीएससी के मामले में ही नहीं बल्कि व्यापक मुद्दे पर बैठे हैं। दस सालों से बिहार के युवाओं के साथ छल किया गया है।



