बिहार में बीपीएससी की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को छात्रों के प्रदर्शन में कांग्रेस और वामपंथी दलों के विधायकों ने भी हिस्सा लेकर सरकार से छात्रों के लिए इंसाफ की मांग की।
देर शाम कांग्रेस ने समर्थन में मशाल जुलूस भी निकाला। कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने बिहार सरकार से छात्रों के साथ इंसाफ करने की मांग करते हुए कहा कि सड़क, जलसा, जुलूस, बातचीत के जरिए बच्चों को इंसाफ दिलाएंगे। सीपीएम विधायक सत्येंद्र यादव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कि पेपर लीक करके ही उनके बच्चों को सरकारी नौकरी दिलाने का एक जरिया बन चुका है। इसलिए सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
बिहार सरकार को जवाब देना होगा: कांग्रेस विधायक
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा, “एक बार नहीं, सैकड़ों बार यहां आना होगा तो हम यहां आएंगे। बिहार सरकार से हमें इंसाफ की कोई उम्मीद नहीं है। तो विपक्ष के पास क्या बचता है सड़क , जलसा, जुलूस, बातचीत, सेमीनार, यह सारे विकल्प हम अपनाएंगे। सिर्फ पटना ही नहीं आंदोलन को हम पूरे बिहार में लेकर जाएंगे। हम बिहार के हर जिले में जाएंगे। सरकार को झुकना होगा। सरकार को बच्चों के इंसाफ की बात करनी पड़ेगी। हमने इंसाफ की बात की है। हम यह बात करते रहेंगे। बच्चों की बातें न्याय संगत बातें हैं। हम यह छात्रों को इंसाफ दिलाने के लिए कर रहे हैं। हम चाहते हैं एक परीक्षा हो और एक रिजल्ट हो। दो परीक्षा और दो रिजल्ट सरकार कैसे कर सकती है। बिहार सरकार में बैठी भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू को यह जवाब देना होगा।” इसे लेकर कांग्रेस ने देर शाम मशाल जुलूस भी निकाला।
नीतीश कुमार को अपने अधिकारियों पर लगाम लगानी होगी: CPM विधायक
सीपीएम विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा, ” बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर छात्र संगठन और एनएसयूआई के द्वारा मुख्यमंत्री आवास की तरफ आज मार्च किया गया है, उसके समर्थन में वामपंथी और कांग्रेस विधायक भी खड़े हैं. हम लगातार यह कह रहे हैं कि नॉर्मलाइजेशन और पेपर लीक के जरिए बिहार सरकार के जदयू और भाजपा के मंत्री और उनके अधिकारी अपने बच्चों के लिए सेटिंग कर रहे हैं. वे नहीं चाहते कि परीक्षा रद्द हो या कि पेपर लीक होना बंद हो, क्योंकि पेपर लीक करके ही उनके बच्चों को सरकारी नौकरी दिलाने का एक जरिया बन चुका है. बीपीएससी की नौकरी में लूट का प्रयास किया जा रहा है. वामपंथी संगठन चुप रहने वाले नहीं हैं, आज सड़कों पर उतर कर चेतावनी दे रहे हैं. नीतीश कुमार को अपने मंत्रियों और अधिकारियों पर लगाम लगानी होगी, वरना बिहार में छात्र आंदोलन फिर से उठ खड़ा होगा।


