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Bihar In Budget 2025-26: बजट में बिहार की खूब हुई बात, चुनावी मौसम में मिलेगी सौग़ात, किसी ने कहा लुभावना, किसी ने कहा सब हवा-हवाई

Bihar In Budget 2025-26: देश में बजट पेश हो गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को ₹50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया। बजट में नौकरीपेशा के लिए 12.75 लाख और बाकी करदाताओं के लिए 12 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। ऐसा कर सरकार ने मध्यम वर्ग को साधा और दिल्ली को भी जहां 4 दिन बाद 5 फरवरी को वोटिंग है। साथ ही उन राज्यों को भी खूब टार्गेट में रखा गया, जहां माध्यम वर्गीय परिवारों की संख्या ज़्यादा है और चुनाव भी बहुत जल्द होने वाले हैं। जिसमें से एक अपना राज्य बिहार भी है।

निर्मला सीतारमण जब बजट पेश करने आई तो बिहार का पहला ज़िक्र उनकी साड़ी को लेकर हीं शुरू हो गया। बिहार के मधुबनी कला को प्रदर्शित करती उनकी साड़ी सबका मन मोहने लायक़ थी। ये साड़ी उन्हें पद्मश्री से सम्मानित बिहार की दुलारी देवी ने गिफ्ट की थी।

सीतारमण के 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार का जिक्र कर राज्य के लिए मखाना बोर्ड बनाने समेत कई घोषणाएं कर दीं। राज्य में साल के आखिर में चुनाव होने हैं।

बजट में बिहार पर दिखा चुनावी फोकस

बजट में बिहार में मखाना बोर्ड, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी की स्थापना, IIT पटना का विस्तार, 3 एयरपोर्ट, पश्चिमी कोसी नहर परियोजना का ऐलान किया है। बिहार में युवा आबादी करीब 50% है। राज्य में एकमात्र IIT पटना में है। यहां अभी 2883 सीटें हैं, यह बढ़कर 5000 के आसपास हो जाएंगी। बिहार के 10 जिलों में मखाना की खेती होती है। इससे 25 हजार से ज्यादा किसान जुड़े हैं। मखाने को लेकर कोई तय नीति न होने के चलते मुनाफा बंट जाता है। किसानों के बजाय कारोबारियों की जेब में पैसा जाता है। अब बोर्ड के गठन के बाद 100 रुपए के प्रॉफिट में 90 रुपए बिहार को मिलेगा। ऐसा कहा जा रहा है कि मखाना बोर्ड के गठन और पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के ऐलान से मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्रों की 72 सीटों पर असर पड़ सकता है। राज्य में 243 विधानसभा सीटें हैं।

केंद्रीय बजट 2025-26 को लेकर आरा के लोगों ने भी अपनी बातें रखी। चलिए जानते है कुछ लोगों का विमर्श:

वीर कुंवर से विश्वविद्यालयआरा के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के प्रो० नीरज कुमार वर्मा ने कहा कि अपने आप को गरीब, युवा, अन्नदाता एवं महिलाओं को केंद्र में रखकर एक विकासोन्मुख एवं समावेशी बजट है, जिसमें कृषि के विकास एवं ग्रामीण खुशहाली पर बल दिया गया है। पिछले कुछ वर्षों से मध्यम एवं वेतन भोगी वर्ग को बहुप्रतिक्षित मांगो एवं जरूरतों को ध्यान में रखकर आयकर में भारी छूट दी गई है। 12 लाख तक के वार्षिक आय वाले व्यक्ति को कोई भी आकर नहीं देना होगा जबकि 18 लाख आय वाले करदाता 70000 रुपया एवं 25 लाख आ प्राप्त करने वाले कर करदाता को 110000 की आयकर में छूट दी गई है इस कदम से मध्यम वर्ग के द्वारा किए गए व्यय एवं उपभोग में वृद्धि होगी जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी बिहार प्रान्त के लिए मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं वि को बढ़ावा देने हेतु मखाना बोर्ड स्थापित करने की बात इस बजट में की गई है सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों तथा ‘मेक इन इंडिया’ प्रयासों को और सशक्त किया जायेगा

तकनीकी विकास एवं गुणवतापूर्ण उत्पादो के द्वारा मैन्युफैक्चरिंग संबंधीप्रयासों को गति की गई दी जाएगी जिससे अधिक रोजगार का सृजन हो सके साथ में श्रमघन क्षेत्र जैसे जूता, चमड़ा, खिलौना तथा खाद्य प्रशंस्करण संबंधी  प्रयासों को और भी मजबूत किया जायेगा इस वजट में दक्षता में एक्सीलेंस स्थापित करने हेतु पाँच राष्ट्रीय केंद्र स्थापित किए जाएंगे। देश के नागरिकों,इसकी अर्थव्यवस्था एवं नवपरवर्तन पर विशेष बल दिया जाएगा 2025-26 का अनुमानित राजकोषीय घाटा रखने का प्रस्ताव किया गया है

 

पूर्व निगम पार्षद सह समाजसेवी डॉ० जितेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मध्यम वर्गीय वर्ग के लिए बजट‌ बेहतर है , १२‌ लाख की सालाना आय टैक्स फ्री हुई है ।

केन्द्र सरकार की यह बजट इस बार मध्यम वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया, बजट में मजबूत भारत के विजन की झलक है । नये व्यवसायियों के लिए यह बजट कारगर साबित होगा। टूरिज्म को भी बढ़ावा देने का बेहतर प्रयास है । जानकारों के मुताबिक यह बजट महाकुंभ के अमृत स्नान की तरह है ।

 

 

जनसुराज नेत्री भोजपुर ज़िला महिला अध्यक्ष डॉ पद्मा ओझा ने कहा कि बिहार में चुनाव होने है। बस चुनाव को दिखाते हुए बजट आ गया। घोषणाओं में तो बिहार दिखता ही है, पर धरातल पर क्या मिलता है ये भी सबके सामने है। केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक एक ही काम की उपलब्धि बटोरने में लगी रह जाती है। शिक्षण की मूल परेशानियों को लेकर कहा ध्यान रहता है। बजट में महिलाओं का मुद्दा तो गौण ही है। वित्त मंत्री स्वयं महिला हैं। बिहार की बात करती हैं। बिहार की पद्मश्री सम्मानित महिला की दी साड़ी पहनती है। पर बजट में बिहार की महिलाओं को भूल जाती है।

 

 

वरिष्ठ शिक्षिका सह जनसुराज नगर महिला अध्यक्षा मधुलिका सिन्हा ने कहा की शिक्षा से हीं विकास सम्भव है। बिहार में वही सही नहीं हो पा रहा।एक IIT है। उसका विस्तार करने की बात है। पर योजना नज़र नहीं आ रही। एक पर हीं भार कितना देना है। बिहार इतना भी छोटा राज्य नहीं है। युवा आबादी करीब 50% है और उन युवाओं का मजबूरी में पलायन हो रहा है। इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढ़ाई के संस्थाओं को व्यापक रूप से बढ़ाने की ज़रूरत है। नौकरी से ज़्यादा पलायन तो उच्च शिक्षा के समय ही हो जाता है। बिहार को बजट से ज़्यादा उम्मीदें थी। क्योंकि हम उतने हक़दार है।

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