बिहार के 42वें राज्यपाल के रूप में आरिफ मोहम्मद खान ने शपथ ले ली है। पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कृष्ण विनोद चंद्रन ने उन्हें शपथ दिलाया। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों डिप्टी CM, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित तमाम नेता उनके शपथ ग्रहण में शामिल हुए। उसके साथ ही नए राज्यपाल के 50 साल पुराने दोस्त भी इनके शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत किए।
बिहार के लोग देश की व्यवस्था चल रहे
शपथ ग्रहण के बाद बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि, ‘बिहार का एक शानदार और गौरवशाली इतिहास है। बिहार के लोगों में ज़बरदस्त क्षमता है। बिहार के लोगों की ओर गौर करेंगे तो ये देश की व्यवस्था चल रहे। बिहार के लोगों के सेवा के लिए आया हूँ और निरंतर काम करूँगा।’ साथ ही उन्होंने सभी प्रदेश वासियों को नए साल की बधाई दी।
आरिफ मोहम्मद खान 2004 में बीजेपी में हुए थे शामिल
बता दें कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मूल रूप से UP के बुलंदशहर के रहने वाले हैं। अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। जानकारों का कहना है कि बिहार का राज्यपाल बनाने के पीछे भाजपा की सधी हुई रणनीति है। खान, कांग्रेस पार्टी में भी रह चुके हैं. उसके बाद बसपा में शामिल हुए फिर 2004 में भाजपा में शामिल हुए थे। बिहार के निवर्तमान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को केरल भेज दिया गया है। बिहार को 26 साल बाद आरिफ़ मोहम्मद खान के रूप में मुस्लिम राज्यपाल मिला है। इससे पहले मुस्लिम समाज से AR किदवई 1998 तक राज्यपाल रहे थे।

