Bhojpuri Mahotsav on Bihar Diwas: भोजपुरी भाषा एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के के उद्देश्य से ज़िले में पहली बार भोजपुरी महोत्सव मनाया गया। यह आयोजन बिहार दिवस से एक दिन पूर्व रमना मैदान के वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में आयोजित हुआ। आयोजन में भोजपुर, सारण, सिवान, गोपालगंज, रोहतास और पटना के कलाकार शामिल हुए।
गणेश वंदना नृत्य, शहनाई, लोकगीत, भोजपुरी लोक भजन और डोमकच और कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं। महोत्सव दो सत्रों में हुआ। पहले सत्र में उद्घाटन समारोह और कवि सम्मेलन हुआ तथा दूसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।
उद्घाटन डीएम तनय सुल्तानिया, डीडीसी डॉ अनुपमा सिंह, सदर एसडीओ रश्मि सिन्हा, वरीय उपसमाहर्ता हिना, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सत्य प्रकाश, जिला कल्याण पदाधिकारी नृपेंद्र कुमार निराला, कला एवं संस्कृति पदाधिकारी अनुप्रिया, सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी नीतीश कुमार, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी मदन नारायण सिंह और जदयू जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। अतिथियों को सिक्की कला से बनी कलाकृतियां देकर सम्मानित किया गया। सावित्री श्याम संगीत महाविद्यालय आरा की छात्राओं ने स्वागत गान “अंजुरी में फुल बा” गाकर अतिथि और दर्शकों का स्वागत कीं। इसके बाद डीएम और अतिथियों ने भोजपुरी भाषा, संस्कृति और खानपान से जुड़े स्टॉल का निरीक्षण किया।
भोजपुरी कविताओं का श्रोताओं ने उठाया आनंद
प्रथम सत्र के अनुसार उद्घाटन के बाद भोजपुरी कवि सम्मेलन हुआ। जिसमें ज़िले के भोजपुरी काव्य से जुड़े कवि ओमप्रकाश मिश्रा, राकेश गुड्डू ओझा, रूपेंद्र मिश्र, जय मंगल मिश्रा, दीपक सिंह, शालिनी ओझा व विकास कुमार पांडेय ने एक से भोजपुर और भोजपुरी भाषा को केंद्र में रख कविताएं सुनाईं। बीच-बीच में हास्य रस की कविताएं सुनकर श्रोता खूब हंसे। इसके बाद आकांक्षा ओझा ने भोजपुरी में विवाह गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वरिष्ठ संगीत शिक्षक नागेंद्र नाथ पांडेय एवं राजा बसंत ने भी भोजपुरी में बहुत अच्छी प्रस्तुति दी। शिक्षा विभाग से स्कूली छात्र-छात्राओं ने गायन, समूह नृत्य “विजयी भव:”, एकल नृत्य व लोकगीत पेश किए। नृत्य-शैली में डोमकच जलुआ का गायन भी हुआ। महोत्सव में शामिल सभी प्रतिभागियों को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
दूसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हुआ। पटना की लोक गायिका प्रिया राज ने “पनियां के जहाज से पलटनिया बनी अइह पिया” और “लेले अइह हो पिया सिंदूर बंगाल के” जैसे लोकगीत गायें। पटना के लोक गायक अमर आनंद ने “जग में जहां पहिले उगे किरिणीयां”, “उगे सूरज भगवान रे”, “ओही देशवा में घर मोरा बा रे”, “नाम ह हिंदुस्तान रे” और “पिया गईले कलकतवा रे सजनी” गाकर दर्शकों को झुमाया। रोहतास के अमरजीत लाल ने लोक भजन और लोकगीत गाए। सिवान के चंद्रजीत वर्मा और सारण के मोहम्मद पंजतन ने शहनाई वादन किया। गोपालगंज के वरूणेश कुमार मिश्रा, सुमित पांडेय, प्रभात कुमार, सोनू कुमार, सिराज आलम, करीमुल्ला और दीपक कुमार ने लोकगीत गायें। भोजपुर के कलाकारों ने भी प्रस्तुतियां दीं। शैलेंद्र कुमार सिंह ने गणेश वंदना नृत्य, आदित्य ने नृत्य, बक्शी विकास ने नृत्य पेश किये।
भोजपुरी भाषा को बढ़ावा देने की पहल डीएम तनय सुल्तानिया ने कहा कि भोजपुरी बहुत ही मृदुल और मीठी भाषा है। यह एक हजार वर्षों से भी पुरानी भाषा है। यह गर्व की बात है कि राज्य में पहली बार भोजपुरी महोत्सव हुआ। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और जिला प्रशासन ने मिलकर आयोजन किया। भोजपुरी भाषा, संस्कृति और परंपरा को सेलिब्रेट किया जा रहा है। भोजपुरी भाषा के प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी है। अपनी संस्कृति, परंपरा और भाषा को पहचानें। भोजपुरी का इतिहास और मिठास लोगों को जोड़ता है। आगे भी इससे बड़ा कार्यक्रम होगा। इससे भोजपुरी लोक कला को बढ़ावा मिलेगा रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे।


 
			 
			 
			 
			